मुख्य न्यायाधीश ने किया डॉ.राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज में लीगल एड क्लिनिक एवं पैरा-लीगल वालंटियर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन
प्रयागराज मे डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (आरपीएनएलयूपी) द्वारा आज अपने परिसर में लीगल एड क्लिनिक और पैरा-लीगल वालंटियर (पीएलवी) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
विधिक सहायता क्लिनिक और तीन दिवसीय पीएलवी प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, और विधि विश्वविद्यालय के माननीय चांसलर माननीय अरुण भंसाली जी ने किया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ गुप्ता भी न्यायाधीश और विधि विश्वविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष, माननीय न्यायमूर्ति श्री मनोज कुमार इस अवसर सम्मानीय अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में सदस्य सचिव, राज्य कानूनी सेवा और प्राधिकरण और अन्य कानूनी विशेषज्ञ शामिल थे।
डॉ राजेंद्र प्रसाद विधि विश्वविद्यालय की कुलपति, वरिष्ठ प्रोफेसर (डॉ.) उषा टंडन ने अतिथि का स्वागत किया और अपने स्वागत भाषण में कानूनी सहायता और सामुदायिक सेवा के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए छात्रों को भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
माननीय मुख्य न्यायाधीश ने न्याय वितरण में कानूनी सहायता क्लिनिक और पैरा-लीगल के महत्व पर प्रकाश डाला और समाज के सामाजिक-आर्थिक रूप से गरीब और दलित वर्ग को न्याय प्रदान करने में इसकी भूमिका को स्वीकार किया। उन्होंने छात्रों से गरीबों को कानूनी सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता अपनाने और उन्हें न्याय दिलाने में मदद करने का आग्रह किया।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने अपने संबोधन में सामाजिक-कानूनी न्याय को बढ़ावा देने के लिए कानूनी सहायता और पैरा-कानूनी स्वयंसेवक के महत्व पर प्रकाश डाला और इस नेक काम में शामिल होने के लिए कहा।
विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय परा-लीगल ट्रेनिग में कई विधि वेत्ता छात्रों को ट्रेनिंग देंगे। छात्र एक दिन के लिए विभिन्न स्थानों जैसे सेंट्रल जेल और कोर्ट में जाकर पैरा लीगल के बारे में सीखेंगे।
इसी समारोह में सम्मानित अतिथियों ने 21 और 22 अगस्त 2024 को आयोजित कॉन्करर्स इंट्रा-मूट कोर्ट प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए।
समारोह का समापन विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज के लीगल एड सोसाइटी के संयोजक डॉ. दीपक शर्मा के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।